लखनऊ न्यूज डेस्क: गैरकानूनी कफ सिरप कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे से देशभर में एक साथ छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई खासतौर पर यूपी के लखनऊ, वाराणसी और जौनपुर जैसे जिलों में की गई, जहां अवैध कफ सिरप रैकेट से जुड़े ठिकानों की पहचान की गई थी। मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के करीबियों—अमित सिंह, आलोक सिंह—और उन दवा कंपनियों के यहां भी ईडी की टीमें उतरीं, जिनपर धोखाधड़ी से कफ सिरप सप्लाई करने का आरोप है। कार्रवाई शुरू होते ही प्रदेश में हड़कंप मच गया।
छापेमारी का दायरा सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं रहा। ईडी की टीमें झारखंड की राजधानी रांची और गुजरात के अहमदाबाद में भी पहुंचीं। लखनऊ के चर्चित चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर भी लगातार तलाशी चलती रही। बताया जा रहा है कि यूपी के लखनऊ, वाराणसी, सोनभद्र, सहारनपुर और गाजियाबाद जिलों में पिछले दो महीनों में दर्ज हुए 30 से ज्यादा केसों के आधार पर ईडी ने ECIR दर्ज कर छापे की यह बड़ी कार्रवाई की है।
जांच में जो खुलासे हुए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। कोडीन आधारित कफ सिरप की अवैध स्टॉकिंग, ट्रांसपोर्टेशन और क्रॉस-बॉर्डर सप्लाई से जुड़े इस रैकेट में अब तक 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई का पता चला है। कई फर्जी फर्में, फर्जी पते और काल्पनिक व्यापारी इस रैकेट को चलाने में इस्तेमाल किए गए थे। यह पूरा नेटवर्क बिहार, बंगाल, नेपाल और बांग्लादेश तक फैला हुआ बताया जा रहा है।
इस मामले का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल अभी भी फरार है। जांच एजेंसियों के अनुसार वह फिलहाल दुबई में छिपा हो सकता है। यूपी पुलिस पहले ही शुभम के पिता भोला सिंह समेत कुल 32 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी को उम्मीद है कि इस छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य इस अवैध कारोबार के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।